राधा-स्वामी बिनती और प्रार्थना के शब्द
करूँ बिनती दाऊ कर जोरी
अर्ज़ सुनो राधास्वामी मोरी ।
सत-पुरुष तुम सत्-गुरु दाता
सब जीवन के पिता और माता
दया धार अपना कर लीजे काल जाल से न्यारा कीजे
सतयुग त्रेता दयापर बीता
काहू न जानी सबद की रीता
कलियुग में स्वामी दया विचारी
परगट करके सबद पुकारी
जीव काज स्वामी जग में आये
भाव-सागर से पार लगाये
तीन छोर चौथा पद दीन्हा
सत्तनाम सतगुरु गत चीन्हा
जगमग जोत हॉट उजियारा
गगन सोत पर चन्द्र निहारा
सेत सिंघासन छात्र बिराजे ,
अनहद शब्द गैन धुन गाजे
क्षर अक्षर निअक्षर पारा
बिनती करे जहां दास तुम्हारा
लोक अलोक पा 'उन सुख धामा
चरण सरन दीजे बिसरामा
लोक अलोक पा 'उन सुख धामा
चरण सरन दीजे बिसरामा
करूँ बिनती दो'उ कर जोरी
सोअमी दो'उ कर जोरी
अर्ज़ सुनो राधास्वामी मोरी
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