Thursday, April 12, 2012

बंदिशें ग़ज़लों में हो, वो खूबसूरत लगतीं है

बंदिशें ग़ज़लों में हो, वो खूबसूरत लगतीं है,
रिश्तों में अब बंदिशें,कामयाब नहीं होतीं ।

________________हर्ष महाजन ।

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