Monday, May 21, 2012

है अब भी अहले-मोहब्बत कि दिल पे राज़ तेरा

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है अब भी अहले-मोहब्बत कि दिल पे राज़ तेरा
अब रौशन करेगा कण-कण खुदा ये चिराग तेरा ।

__________________हर्ष महाजन ।

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