Saturday, March 23, 2013

मेरी हर तहरीर उसका अक्स बयाँ करती है

...

मेरी हर तहरीर उसका अक्स बयाँ करती है,
हकीकत, मेरे दिल की यही अयाँ करती है |
क्या है राज़ इसका बताने से डर लगता है,
ख़्वाबों की ताबीर मुझे यहीं जवां करती है |

अयाँ = स्पष्ट, ज़ाहिर
ताबीर = परिणाम

______________हर्ष महाजन

No comments:

Post a Comment