Wednesday, February 11, 2015

शेर के पाँव में कोई काँटा चुभे

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शेर के पाँव में गर कोई काँटा चुबे,
जंगलों में क्या कोई ओर राज करे ।

इतना तो मुहब्बत में दम है अभी,
अपने घर के गिला यूँ ही आज करे ।

इस तरह से किया भाजपा ने सफ़र.
ये राज मोदी का हो 'आप' काज करे ।

बिजली पानी की दौलत से हो रूबरू,
ऐसी दरकार थी कोई जां-बाज़ करे ।

यूँ बहुत है सफ़र भाजपा का अभी,
छोटी छोटी रियासत बे-ताज करे ।

इल्तिजा इस आवाम से जन-जन की है,
कुछ देश हित में खुद को भी साज़ करे ।

-------------------हर्ष महाजन

दरकार=जरूरत

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