Wednesday, June 3, 2015

क्यूँ है काबिज़ वो ज़हन में कहीं बन के इक ख्याल

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क्यूँ है काबिज़ वो ज़हन में कहीं बन के इक ख्याल,
वो तो गुजरा हुआ कल था कहीं जुल्फों का खुमार |
हम तो कायल थे लबों के पिए थे जाम-ओ-जमाल,
सागर-ए-जाम आज बदला है बना जाम-ए-सिफाल | 

_____________हर्ष महाजन




जाम-ए-सिफाल = clay cup 

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