Saturday, November 12, 2011

जुल्फें इस कद्र उनके रुख पे पहरा देने लगीं हैं

जुल्फें  इस कद्र उनके रुख पे पहरा देने लगीं हैं
ये आंखें फ़क़त इक झलक पाने को बहने लगीं हैं |

____________हर्ष महाजन

No comments:

Post a Comment