Saturday, December 10, 2011

उन्हें फुर्सत ही कहाँ वो पढ़ें हमें ख्यालों की तरह

उन्हें फुर्सत ही कहाँ वो पढ़ें हमें ख्यालों की तरह
हम तो बिखरे हैं किताबों में यूँ सवालों की तरह |

____________हर्ष महाजन 

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