Thursday, March 1, 2012

ज़ख्म को सीने पर खाने का दम हम भरते हैं

ज़ख्म को सीने पर खाने का दम हम भरते हैं,
चीस कहाँ से उठे दर्द को खुद बताया करते हैं ।

_________________हर्ष महाजन

No comments:

Post a Comment