Tuesday, August 27, 2013

क्यूँ मुझको भेजा जुदा जुदा

नज़्म

क्यूँ मुझको भेजा जुदा जुदा,
तू तो सृष्टी का है खुदा खुदा |

कभी राम के अवतार में तू ,
कभी श्याम रंग मिला हुआ |

कभी इतना सर पे चढ़ा दिया,
यूँ ही राधा का श्रृंगार दिया |

कभी इक गरीब सुदामा को,
इक दोस्त बन के खुदा किया |

कभी पांडवों को दिया शज़र,
कभी कौरवों की थी ली खबर |

कलयुग में गीता संदेशों से
भक्तों के सर पे तेरी नजर |

तू तो हर किसी में बसा हुआ,
जिसमे हुआ तू, खुदा हुआ |

क्यूँ मुझको भेजा जुदा जुदा,
तू तो सृष्टी का है खुदा खुदा |

___हर्ष महाजन

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