Friday, August 9, 2013

यूँ मुहब्बत में गर तू भटक जाएगा

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यूँ मुहब्बत में गर तू भटक जाएगा,
आईना मेरे दिल का चटक जाएगा |

गर तू मेरा नहीं, खा न खौफ बता ,
मेरा दिल तेरी राहों से हट जाएगा |

हम-सफ़र तू मेरा यूँ न आँखें चुरा,
ठेस हल्की अभी तो सिमट जाएगा |

मैं गुज़र जाऊं पीछे तू पछताएगा,
जब आशिक जुबां से पलट जाएगा |

कैसे झेलेगा इश्क के गम की सजा,
मेरा पलपल इसी गम में कट जाएगा |

__________हर्ष महाजन

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